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Coming soon, Religion
Japji Sahib Simplified For Children and Beginners ; (Gurmukhi/Roman/English (Tri- Lingual), With Explanation of Each Shlok/ Pauri For better Understanding by Colonel Daljeet Singh Cheema (Paperback))
Coming soon, ReligionJapji Sahib Simplified For Children and Beginners ; (Gurmukhi/Roman/English (Tri- Lingual), With Explanation of Each Shlok/ Pauri For better Understanding by Colonel Daljeet Singh Cheema (Paperback))
“Japji Sahib”, the most celebrated composition of Guru Nanak Dev Ji, has not yet reached the common man, because the gurmukhi language used in the scred text is very different from the present day punjabi. A humble effort has been made to present the guru’s message in as simple a manner as possible for the common man to understand the sikh way to divine.
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Classic Fiction, Fiction, literature
Jean Valjean [hardcover] Victor Hugo
The two most memorable barricades that the observer of social maladies can name do not belong to the period in which the action of this work is laid. These two barricades, symbols in two different aspects of a redoubtable situation, sprang from the earth at the fatal insurrection of June 1848, the greatest war of the streets that history has ever beheld.
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History, Religion
Jnana Yoga by Swami Vivekananda (Hardcover)
- ISBN : 978-8182479111
- Page : 194
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 1.5 cm
Jnana is the intellectual path of scriptures and self study, considered to be one of the most direct and yet challenging means fo spiritual development. The concept fo Jnana yoga was first described in the Bhagavad Gita, an ancient Hindu text which focuses on liberation from suffering. Although Jnana Yoga involves the progressive study of the scriptures, it is not solely theoretical, encompassing the practical,experiential knowledge which stems from meditation training.
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Coming soon, Fiction
Jo’s Boys By Louisa May Alcott (Hardcover)
Ten years after the school at Plumfield was founded, Jo’s boys – including wanderer Dan, sailor Emil and musician Nat – are grown up and discovering more about the world. But life after childhood can be confusing and frightening, and it is Jo and the warm-hearted March family who can comfort and guide the boys when they need it the most…
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Textile Technology
Juvenile Styles: Original Designs for Infants and Juveniles by Mary Hoyer (Hardcover)
Textile TechnologyJuvenile Styles: Original Designs for Infants and Juveniles by Mary Hoyer (Hardcover)
- ISBN : 978-8182479173
- Page : 88
- Dimensions : 22 x 14 x 1 cm
Here are new worlds for you to conquer.. In a book that meets the needs of both beginner and expert in the art of knitting and crocheting. Here are complete instructions that can be followed with the utmost confidence. Explore this treasury of original Designs. Your needles will Experience new thrills. You’ll have lots of fun. And Your children will look smarter than ever before.
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Textile Technology
Kalin Nirman Mein Prakirya Niyantran by Dr. K.K.Goswami (H.B)
The term carpet is defined as a covering primarily for floor coverings may be made by using woven, knotted, tufted, knitted, braided or nonwoven technique. Carpet/ floor coverings consist of both natural and manmade very often in blends for making durable or nondurable carpets. Different techniques like Handmade (Knotted, Tufted, Tibetan, Loom made, Durrie, Soumak, Shaggy, Nonwoven, Chain Stitched), and machine made (Axminster, Wilton, Tufted, Face to Face, Velvet, Nonwoven) exists for the segment. As a whole, knowledge of fibres as a raw material for carpets occupies significant position in the process control. If weaknesses and opportunities associated with fibres, product manufacturing techniques can be removed and exploited respectively in appropriate manner, carpet can become a more predominant domain in over all textiles products perspective. Therefore, it is very important to study the mentioned trends in respect of process control to meet the buyer’s requirements.Classification of carpets has been made in terms of interior, bath textiles etc. compiling relevant trade information. Salient processes involved need to be specially controlled have been identified. Process and controls for the entire carpet sector have been discussed in modular form. To make the chapter more reader friendly process, process flow and control points elaborated. Application of statistical technique and other related issues which can strengthen process control have also been discussed. Social, ecology /environmental, economy, cultural. /human development, health-hygeine issues have also been touched in one way or other.
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Hindi Literature
Kamayani by Jaishankar Prasad (Hardback)
कला की दृष्टि से कामायनी, छायावादी काव्यकला का सर्वोत्तम प्रतीक माना जा सकता है। चित्तवृत्तियों का कथानक के पात्र के रूप में अवतरण इस महाकाव्य की अन्यतम विशेषता है। और इस दृष्टि से लज्जा, सौंदर्य, श्रद्धा और इड़ा का मानव रूप में अवतरण हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है। कामायनी प्रत्यभिज्ञा दर्शन पर आधारित है। साथ ही इस पर अरविन्द दर्शन और गांधी दर्शन का भी प्रभाव यत्र तत्र मिल जाता है।प्रसाद ने इस काव्य के प्रधान पात्र ‘मनु’ और कामपुत्री कामायनी ‘श्रद्धा’ को ऐतिहासिक व्यक्ति के रूप में माना है, साथ ही जलप्लावन की घटना को भी एक ऐतिहासिक तथ्य स्वीकार किया है। शतपथ ब्राह्मण के प्रथम कांड के आठवें अध्याय से जलप्लावन संबंधी उल्लेखों का संकलन कर प्रसाद ने इस काव्य का कथानक निर्मित किया है, साथ ही उपनिषद् और पुराणों में मनु और श्रद्धा का जो रूपक दिया गया है, उन्होंने उसे भी अस्वीकार नहीं किया, वरन् कथानक को ऐसा स्वरूप प्रदान किया जिसमें मनु, श्रद्धा और इड़ा के रूपक की भी संगति भली भाँति बैठ जाए। परंतु सूक्ष्म सृष्टि से देखने पर जान पड़ता है कि इन चरित्रों के रूपक का निर्वाह ही अधिक सुंदर और सुसंयत रूप में हुआ, ऐतिहासिक व्यक्ति के रूप में वे पूर्णत: एकांगी और व्यक्तित्वहीन हो गए हैं।
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Fiction, Novel
Kankal by Jaishankar Prasad (Hardback)
कंकाल भारतीय समाज के विभिन्न संस्थानों के भीतरी यथार्थ का उद्घाटन करता है। समाज की सतह पर दिखायी पड़ने वाले धर्माचार्यों, समाज-सेवकों, सेवा-संगठनों के द्वारा विधवा और बेबस स्त्रियों के शोषण का एक प्रकार से यह सांकेतिक दस्तावेज हैं आकस्मिकता और कौतूहल के साथ-साथ मानव मन के भीतरी पर्तों पर होने वाली हलचल इस उपन्यास को गहराई प्रदान करती है। हृदय परिवर्तन और सेवा भावना स्वतंत्रताकालीन मूल्यों से जुड़कर इस उपन्यास में संघर्ष और अनुकूलन को भी सामाजिक कल्याण की दृष्टि का माध्यम बना देते हैं।उपन्यास अपने समय के नेताओं और स्वयंसेवकों के चरित्रांकन के माध्यम से एक दोहरे चरित्रवाली जिस संस्कृति का संकेत करता और बनते हुए जिन मानव संबंधों पर घण्टी और मंगल के माध्यम से जो रोशनी फेंकता है वह आधुनिक यथार्थ की पृष्ठभूमि बन जाता है। सृजनात्मकता की इस सांकेतिक क्षमता के कारण यह उपन्यास यथार्थ के भीतर विद्यमान उन शक्तियों को भी अभिव्यक्त कर सका है जो मनुष्य की जय यात्रा पर विश्वास दिलाती है।
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Fiction, Novel
Kapal Kundala By Bankim Chandra Chattopadhyay (Hardcover)
कपालकुंडला, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित बंगाली भाषा का एक प्रेम उपन्यास है। इसकी रचना १८६६ में हुई थी। इसमें ‘कपालकुण्डला’ नामक एक वनवासी कन्या की कहानी है जो सप्तग्राम के नवकुमार नामक एक लड़के से प्यार करने लगती है और फिर उससे विवाह कर लेती है। उपन्यास में दिखाया गया है कि वह वनवासी कन्या नगर के जीवन से तालमेल नहीं बैठा पाती है।
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History, Religion
Karma and Raja Yoga by Swami Vivekananda (Hardcover)
- ISBN : 978-8182479104
- Page : 164
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 1.3 cm
Karma yoga, also called karma marga, is one of the three classical spiritual paths in Hinduism, one based on the yoga of action the others being Jnana yoga and Bhakti yoga. To a karma yoga right action is a form of prayer. Raja Yoga was both the goal of yoga and a method of attain it. The term also became a modern name for the practice of yoga in the 19th century when Swami Vevekananda gave his interpretation of the Yoga Sutras of Patanjali in his book Raja Yoga.
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Fiction, Novel
Karmabhoomi By Munshi PremChand (Hardcover)
प्रेमचंद (प्रेमचन्द) के साहित्यिक जीवन का आरंभ (आरम्भ) 1901 से हो चुका था आरंभ (आरम्भ) में वे नवाब राय के नाम से उर्दू में लिखते थे। प्रेमचंद की पहली रचना के संबंध में रामविलास शर्मा लिखते हैं कि-“प्रेमचंद की पहली रचना, , जो अप्रकाशित ही रही, शायद उनका वह नाटक था जो उन्होंने अपने मामा जी के प्रेम और उस प्रेम के फलस्वरूप चमारों द्वारा उनकी पिटाई पर लिखा था। इसका जिक्र उन्होंने ‘पहली रचना’ नाम के अपने लेख में किया है।”उनका पहला उपलब्ध लेखन उर्दू उपन्यास ‘असरारे मआबिद’ है जो धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ। इसका हिंदी रूपांतरण देवस्थान रहस्य नाम से हुआ। प्रेमचंद का दूसरा उपन्यास ‘हमखुर्मा व हमसवाब’ है जिसका हिंदी रूपांतरण ‘प्रेमा’ नाम से १९०७ में प्रकाशित हुआ। १९०८ ई. में उनका पहला कहानी संग्रह सोज़े-वतन प्रकाशित हुआ। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत इस संग्रह को अंग्रेज़ सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सभी प्रतियाँ जब्त कर लीं और इसके लेखक नवाब राय को भविष्य में लेखन न करने की चेतावनी दी। इसके कारण उन्हें नाम बदलकर प्रेमचंद के नाम से लिखना पड़ा। उनका यह नाम दयानारायन निगम ने रखा था। ‘प्रेमचंद’ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई।
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Novel
Karmabhoomi by Munshi Premchand (Hardcover)
प्रेमचंद (प्रेमचन्द) के साहित्यिक जीवन का आरंभ (आरम्भ) 1901 से हो चुका था आरंभ (आरम्भ) में वे नवाब राय के नाम से उर्दू में लिखते थे। प्रेमचंद की पहली रचना के संबंध में रामविलास शर्मा लिखते हैं कि-“प्रेमचंद की पहली रचना, , जो अप्रकाशित ही रही, शायद उनका वह नाटक था जो उन्होंने अपने मामा जी के प्रेम और उस प्रेम के फलस्वरूप चमारों द्वारा उनकी पिटाई पर लिखा था। इसका जिक्र उन्होंने ‘पहली रचना’ नाम के अपने लेख में किया है।”उनका पहला उपलब्ध लेखन उर्दू उपन्यास ‘असरारे मआबिद’ है जो धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ। इसका हिंदी रूपांतरण देवस्थान रहस्य नाम से हुआ। प्रेमचंद का दूसरा उपन्यास ‘हमखुर्मा व हमसवाब’ है जिसका हिंदी रूपांतरण ‘प्रेमा’ नाम से १९०७ में प्रकाशित हुआ। १९०८ ई. में उनका पहला कहानी संग्रह सोज़े-वतन प्रकाशित हुआ। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत इस संग्रह को अंग्रेज़ सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सभी प्रतियाँ जब्त कर लीं और इसके लेखक नवाब राय को भविष्य में लेखन न करने की चेतावनी दी। इसके कारण उन्हें नाम बदलकर प्रेमचंद के नाम से लिखना पड़ा। उनका यह नाम दयानारायन निगम ने रखा था। ‘प्रेमचंद’ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई।
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