Tales From Gorky: With A Biographical Notice Of the Author by R. Nisbet Bain (Hardback))
Alexei Maximovich Peshkov, popularly known as Maxim Gorky, was a Russian and Soviet writer and socialist political thinker and proponent. He was nominated five times for the Nobel Prize in Literature.
₹495.00 ₹595.00
Related products
-
Coming soon, Novel
Candide By Voltaire (Hardcover)
0 out of 5(0)When his love for the Baron’s daughter is discovered, Candide is cast out to make his own way in the world. And so he and his companions begin a breathless tour of Europe, South America and Asia, as an outrageous series of disasters befall them earthquakes, syphilis, a brush with the Inquisition, and murder, testing the young hero’s optimism.
SKU: n/a -
Coming soon, Hindi Literature
Archana By Suryakant Tripathi (Hardcover)
0 out of 5(0)‘अर्चना’ निराला की परवर्ती काव्य-चरण की प्रथम कृति है ! इसके प्रकाशन के बाद कुछ आलोचकों ने इसमें उनका प्रत्यावर्तन देखा था! लेकिन सच्चाई यह है कि जैसे ‘बेला’ के गीत अपनी धज में ‘गीतिका’ के गीतों से भिन्न हैं, वैसे ही ‘अर्चन’ के गीत भी ‘गीतिका’ ही नहीं, ‘बेला’ के गीतों से भिन्न हैं!
SKU: n/a -
Coming soon, Hindi Literature
Vaishali Ki Nagarvadhu by Archarya Chatursen (Hardback)
0 out of 5(0)यह उपन्यास एक बौद्धकालीन ऐतिहासिक कृति है । लेखक के अनुसार इसकी रचना के क्रम में उन्हें आर्य, बौद्ध, जैन और हिंदुओं के साहित्य का सांस्कृतिक अध्ययन करना पड़ा जिसमें उन्हें 10 वर्षों का समय लगा। यह उपन्यास कोई एक-दो महीनों में पूर्ण नहीं हुआ बल्कि आचार्य शास्त्री ने इत्मीनान से इसके लेखन में 1939-1947 तक कि नौ वर्षों की अवधि लगाई। इस उपन्यास के केंद्र में ‘वैशाली की नगरवधू’ के रूप में इतिहास-प्रसिद्ध वैशाली की, सौंदर्य की साक्षात प्रतिमा तथा स्वाभिमान और आत्मबल से संबलित ‘अम्बपाली’ है जिसने अपने जीवनकाल में सम्पूर्ण भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश को प्रभावित किया था। उपन्यास में अम्बपाली की कहानी तो है किंतु उससे अधिक बौद्धकालीन सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक स्थितियों का चित्रण उपलब्ध है और यही उपन्यासकार का लक्ष्य भी है। विभिन्न संस्कृतियों यथा जैन और बौद्ध और ब्राह्मण के टकराव के साथ-साथ तत्कालीन विभिन्न गणराज्यों यथा काशी, कोशल तथा मगध एवं वैशाली के राजनीतिक संघर्षों का विवरण भी इस कृति में उपलब्ध है। उपन्यास की नायिका फिर भी अम्बपाली ही है जो आदि से अंत तक उपन्यास में छाई हुई है।
SKU: n/a -
Coming soon, Hindi Literature
Geetika By Suryakant Tripathi (Hardcover)
0 out of 5(0)गीतिका का प्रकाशन-काल सन् 1936 ई. है। इसमें सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के नये स्वर- तालयुक्त शास्त्रानुमोदित गीत संगृहित हैं। खड़ी बोली में इस प्रकार के प्रथम गीत- रचनाकार जयशंकर प्रसाद हैं। उनके नाटकों के अंतर्गत जिन गीतों की सृष्टि हुई है, वे सर्वथा शास्त्रानुमोदित हैं किंतु ये गीत विशेष वातावरण में उनके पात्रों द्वारा गाये जाते है। ये गीत पात्र तथा वातावरण सापेक्ष हैं। शास्त्रानुमोदित निरपेक्ष गीतों की सर्जना का श्रेय ‘निराला’ को ही है। शास्त्रानुमोदित का तात्पर्य यह नहीं कि ये गीत भी पुरानी राग- रागनियों के बंधनों से बँधे हुए हैं।
SKU: n/a
There are no reviews yet.