-20%
,

Path Ke Davedar By Sarat Chandra Chattopadhyay (Hardcover)


आजीविका के नाम पर बंगाली युवा ब्राह्मण अपूर्व बर्मा (अब म्यांमार) चला तो गया किंतु वहां परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि वह क्रांतिकारियों का हमदर्द बन गया। शायद इस के पीछे युवा भारती का आकर्षण भी एक कारण रहा हो। बंगाल के क्रांतिकारी आंदोलन की पृष्ठभूमि पर रचित इस उपन्यास – ‘पथ के दावेदार’ के माध्यम से ‘नारी वेदना के पुरोहित’ शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने क्रांतिकारी गतिविधियों के साथसाथ तत्कालीन समाज में व्याप्त छुआछूत, जातिपांति, ऊंचनीच आदि सामाजिक बुराइयों को रेखांकित किया है।

555.00 695.00

Based on 0 reviews

0.0 overall
0
0
0
0
0

Be the first to review “Path Ke Davedar By Sarat Chandra Chattopadhyay (Hardcover)”

There are no reviews yet.

SHOPPING CART

close