Related products
-
Short Story
Pratidhvani by Jaishankar Prasad (H.B)
0 out of 5(0)प्रतिध्वनि महान लेखक श्रीप्रसाद की रचना भी का रूप है इस अगारी का मोह पत्थर की पुकार उस पारी मुद्धिमें जाल इतनी जैगी 46 अन्य दिन को मोह लेने वाली कथाए है। छायावाद के आधार स्तंभों में से एक जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1890 को काशी में हुआ था। वह संपन्न व्यापारिक घराने के थे और उनका परिवार संपता में केवल काशी नरेश से ही पीछे था। पिता और बड़े भाई की असामयिक मृत्यु के कारण उन्हें आठवीं कक्षा में ही विद्यालय छोड़कर साथ में उतरना पड़ा। उनकी ज्ञान वृद्धि फिर स्वाध्याय से हुई। उन्होंने घर पर रहकर ही हिंदी, संस्कृत एवं फारसी भाषा एवं साहित्य का अध्ययन किया, साथ ही वैदिक वाम और भारतीय दर्शन का भी ज्ञान अर्जित किया। वह बचपन से ही प्रतिभा संपन्न थे। आठ-नौ वर्ष की आयु में अमरकोश और लघु कौमुदी कंठस्थ कर लिया था जबकि कलाधर उपनाम से कवित्त और सवैये भी लिखने लगे थे।
SKU: n/a -
English Classics
Selected Russian Short Stories
0 out of 5(0)This book includes the following stories
The Queen Of The Spades by A.S.Pushkin
The Cloak by N.V.Gogol
The District Doctor by I.S Turgenev
The Christmas Tree And The Wedding by F.M. Dostoyevsky
God Sees The Truth , But Waits by L.N.Tolstoy
How A Muzhik Fed Two Officials by M.Y. Saltykov
The Shades , A Phantasy by V.G. Korolenko
The Signal by V.N.Garshin
The Darling by A.P.Chekhov
The Bet by A.P.Chekhov
Vanka by A.P.Chekhov
Hide And Seek by F.K.Sologub
Dethroned by I.N.Potapenko
The Servant by S.T.Semyonov
One Autum Night by M.Gorky
Her Lover by M.GorkySKU: n/a
There are no reviews yet.