Fiction
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Classic Fiction
How To Play Billiards by William Broadfoot,W.J.Ford,Dudley (Hardcover)
We believe this work is culturally important, and despite the imperfections, have elected to bring it back into print as part of our continuing commitment to the preservation of printed works worldwide. We appreciate your understanding of the imperfections in the preservation process, and hope you enjoy this valuable book.
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Fiction, Novel
Hunted Down by Charles Dickens (Hardback)
- Page : 35
- ISBN : 9789394885387
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 0.5 cm
A unique collection of Dickens stories, rarely seen in print, establishing him as one of the masters of the detective genre Charles Dickens was one of the great pioneers of detective fiction. While the larger-than-life characters in his novels have settled themselves in the public imagination, his detectives have had a profound effect on the development of crime fiction, and Dickens is now seen as the first major publicist for the police detective. Here, Peter Haining has assembled a fascinating selection of Dickens’s detective stories. Added to these are extracts from the novels in which the men of the law make their mark, including Mr. Nadgett from Martin Chuzzlewit, the first serious detective in an English novel, and Inspector Bucket from Bleak House.
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Classic Fiction, Fiction, literature
Jean Valjean [hardcover] Victor Hugo
The two most memorable barricades that the observer of social maladies can name do not belong to the period in which the action of this work is laid. These two barricades, symbols in two different aspects of a redoubtable situation, sprang from the earth at the fatal insurrection of June 1848, the greatest war of the streets that history has ever beheld.
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Fiction, Novel
Kankal by Jaishankar Prasad (Hardback)
कंकाल भारतीय समाज के विभिन्न संस्थानों के भीतरी यथार्थ का उद्घाटन करता है। समाज की सतह पर दिखायी पड़ने वाले धर्माचार्यों, समाज-सेवकों, सेवा-संगठनों के द्वारा विधवा और बेबस स्त्रियों के शोषण का एक प्रकार से यह सांकेतिक दस्तावेज हैं आकस्मिकता और कौतूहल के साथ-साथ मानव मन के भीतरी पर्तों पर होने वाली हलचल इस उपन्यास को गहराई प्रदान करती है। हृदय परिवर्तन और सेवा भावना स्वतंत्रताकालीन मूल्यों से जुड़कर इस उपन्यास में संघर्ष और अनुकूलन को भी सामाजिक कल्याण की दृष्टि का माध्यम बना देते हैं।उपन्यास अपने समय के नेताओं और स्वयंसेवकों के चरित्रांकन के माध्यम से एक दोहरे चरित्रवाली जिस संस्कृति का संकेत करता और बनते हुए जिन मानव संबंधों पर घण्टी और मंगल के माध्यम से जो रोशनी फेंकता है वह आधुनिक यथार्थ की पृष्ठभूमि बन जाता है। सृजनात्मकता की इस सांकेतिक क्षमता के कारण यह उपन्यास यथार्थ के भीतर विद्यमान उन शक्तियों को भी अभिव्यक्त कर सका है जो मनुष्य की जय यात्रा पर विश्वास दिलाती है।
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Fiction, Novel
Kapal Kundala By Bankim Chandra Chattopadhyay (Hardcover)
कपालकुंडला, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित बंगाली भाषा का एक प्रेम उपन्यास है। इसकी रचना १८६६ में हुई थी। इसमें ‘कपालकुण्डला’ नामक एक वनवासी कन्या की कहानी है जो सप्तग्राम के नवकुमार नामक एक लड़के से प्यार करने लगती है और फिर उससे विवाह कर लेती है। उपन्यास में दिखाया गया है कि वह वनवासी कन्या नगर के जीवन से तालमेल नहीं बैठा पाती है।
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Fiction, Novel
Karmabhoomi By Munshi PremChand (Hardcover)
प्रेमचंद (प्रेमचन्द) के साहित्यिक जीवन का आरंभ (आरम्भ) 1901 से हो चुका था आरंभ (आरम्भ) में वे नवाब राय के नाम से उर्दू में लिखते थे। प्रेमचंद की पहली रचना के संबंध में रामविलास शर्मा लिखते हैं कि-“प्रेमचंद की पहली रचना, , जो अप्रकाशित ही रही, शायद उनका वह नाटक था जो उन्होंने अपने मामा जी के प्रेम और उस प्रेम के फलस्वरूप चमारों द्वारा उनकी पिटाई पर लिखा था। इसका जिक्र उन्होंने ‘पहली रचना’ नाम के अपने लेख में किया है।”उनका पहला उपलब्ध लेखन उर्दू उपन्यास ‘असरारे मआबिद’ है जो धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ। इसका हिंदी रूपांतरण देवस्थान रहस्य नाम से हुआ। प्रेमचंद का दूसरा उपन्यास ‘हमखुर्मा व हमसवाब’ है जिसका हिंदी रूपांतरण ‘प्रेमा’ नाम से १९०७ में प्रकाशित हुआ। १९०८ ई. में उनका पहला कहानी संग्रह सोज़े-वतन प्रकाशित हुआ। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत इस संग्रह को अंग्रेज़ सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सभी प्रतियाँ जब्त कर लीं और इसके लेखक नवाब राय को भविष्य में लेखन न करने की चेतावनी दी। इसके कारण उन्हें नाम बदलकर प्रेमचंद के नाम से लिखना पड़ा। उनका यह नाम दयानारायन निगम ने रखा था। ‘प्रेमचंद’ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई।
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Novel
Karmabhoomi by Munshi Premchand (Hardcover)
प्रेमचंद (प्रेमचन्द) के साहित्यिक जीवन का आरंभ (आरम्भ) 1901 से हो चुका था आरंभ (आरम्भ) में वे नवाब राय के नाम से उर्दू में लिखते थे। प्रेमचंद की पहली रचना के संबंध में रामविलास शर्मा लिखते हैं कि-“प्रेमचंद की पहली रचना, , जो अप्रकाशित ही रही, शायद उनका वह नाटक था जो उन्होंने अपने मामा जी के प्रेम और उस प्रेम के फलस्वरूप चमारों द्वारा उनकी पिटाई पर लिखा था। इसका जिक्र उन्होंने ‘पहली रचना’ नाम के अपने लेख में किया है।”उनका पहला उपलब्ध लेखन उर्दू उपन्यास ‘असरारे मआबिद’ है जो धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ। इसका हिंदी रूपांतरण देवस्थान रहस्य नाम से हुआ। प्रेमचंद का दूसरा उपन्यास ‘हमखुर्मा व हमसवाब’ है जिसका हिंदी रूपांतरण ‘प्रेमा’ नाम से १९०७ में प्रकाशित हुआ। १९०८ ई. में उनका पहला कहानी संग्रह सोज़े-वतन प्रकाशित हुआ। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत इस संग्रह को अंग्रेज़ सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सभी प्रतियाँ जब्त कर लीं और इसके लेखक नवाब राय को भविष्य में लेखन न करने की चेतावनी दी। इसके कारण उन्हें नाम बदलकर प्रेमचंद के नाम से लिखना पड़ा। उनका यह नाम दयानारायन निगम ने रखा था। ‘प्रेमचंद’ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई।
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Fiction, literature, Literature & Fiction
KIM [hardcover] Rudyard Kipling
Step into the vibrant world of Kim, Rudyard Kipling’s iconic novel. Set against the backdrop of colonial India, this captivating tale follows the adventures of an orphaned boy named Kim as he navigates the complexities of identity, loyalty, and espionage. With a stunning cover design and insightful commentary, this edition is perfect for fans of classic literature and adventure stories. Explores the themes of identity and cultural diversity Memorable characters and rich cultural portrayals A must-read for fans of adventure and literary exploration A compelling coming-of-age story An adventure-filled classic
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Coming soon, literature
Little Men: Life At Plumfield With Jo’s Boys By Louisa May Alcott (Hardcover)
Coming soon, literatureLittle Men: Life At Plumfield With Jo’s Boys By Louisa May Alcott (Hardcover)
Little Men by Louisa May Alcott is a heartwarming sequel to the beloved classic Little Women. Join Jo March and her husband, Professor Bhaer, as they open Plumfield, a school for boys. Immerse yourself in this charming tale of childhood, growth, and friendship.
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Fiction, Novel
Little Women : Original Un-Abridged Classic Collector’s Edition by Louisa May Alcott (Hardback)
Fiction, NovelLittle Women : Original Un-Abridged Classic Collector’s Edition by Louisa May Alcott (Hardback)
- Page : 467
- ISBN : 9789394885431
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 3.2 cm
Discover this beautiful and charming classic book behind the new major film. ‘Rich or poor, we will keep together and be happy in one another’Christmas won’t be the same this year for Meg, Jo, Beth and Amy, as their father is away fighting in the Civil War, and the family has fallen on hard times. But although they may be poor, life for the four March sisters is rich with colour, as they play games, put on wild theatricals, make new friends, argue, grapple with their vices, learn from their mistakes, nurse each other through sickness and disappointments, and get into all sorts of trouble.BACKSTORY: Learn all about the author’s life and how it inspired her famous story, and find out which of the March sisters you most resemble!
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