Novel
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Coming soon, Fiction, Novel
Do Behnein By Rabindranath Tagore (Hardcover)
स्त्रियाँ दो जाति की होती हैं, ऐसा मैंने किसी-किसी पंडित से सुना है। एक जाति प्रधानतया माँ होती है, दूसरी प्रिया । ऋतुओं के साथ यदि तुलना की जाय तो माँ होगी वर्षाऋतु यह जल देती है, फल देती है, ताप शमन करती है, ऊर्ध्वलोक से अपने आपको विगलित कर देती है, शुष्कता को दूर करती है, अभावों को भर देती है। और प्रिया है वसन्तऋतु। गभीर है उसका रहस्य, मधुर है उसका मायामंत्र। चञ्चलता उसकी रक्त में तरङ्ग लहरा देती है और चित्त के उस मणिकोष्ठ में पहुँचती है जहाँ सोने की वीणा में एक निभृत तार चुपचाप, झंकार की प्रतीक्षा में, पड़ा हुआ है; झंकार- जिससे समस्त देह और मन में अनिर्वचनीय की वाणी झंकृत हो उठती है।
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Fiction, Novel
Dracula By Bram Stoker (Hardcover)
‘I could feel the soft, shivering touch of the lips on the super-sensitive skin of my throat and the hard dents of two sharp teeth, just touching and pausing there. I closed my eyes in a languorous ecstasy and waited waited with beating heart.’ In equal measures mesmerizing as it is diabolical, Dracula, told in epistolary format, is the story of Count Dracula and his attempt to move from Transylvania to England and the battle between him and a small team of people led by Professor Abraham Van Helsing.
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Fiction, Novel
Durgadas By Munshi Premchand (Hardcover)
जोधपुर के महाराज जसवन्तसिंह की सेना में आशकरण नाम के एक राजपूत सेनापति थे, बड़े सच्चे, वीर, शीलवान् और परमार्थी। उनकी बहादुरी की इतनी धाक थी, कि दुश्मन उनके नाम से कांपते थे। दोनों दयावान् ऐसे थे कि मारवाड़ में कोई अनाथ न था।, जो उनके दरबार से निराश लौटे। जसवन्तसिंह भी उनका :बड़ा आदर-सत्कार करते थे। वीर दुर्गादास उन्हीं के लड़के थे। छोटे का नाम जसकरण था। सन् 1605 ई., में आशकरण जी उज्जैन की लड़ाई में धोखे से मारे गये। उस समय दुर्गादास केवल पंद्रह वर्ष के थे पर ऐसे होनहार थे, कि जसवन्तसिंह अपने बड़े बेटे पृथ्वीसिंह की तरह इन्हें भी प्यार करने लगे। कुछ दिनों बाद जब महाराज दक्खिन की सूबेदारी पर गये, तो पृथ्वीसिंह को राज्य का भार सौंपा और वीर दुर्गादास को सेनापति बनाकर अपने साथ कर लिया। उस समय दक्खिन में महाराज शिवाजी का साम्राज्य था। मुगलों की उनके सामने एक न चलती थी; इसलिए औरंगजेब ने जसवन्तसिंह को भेजा था। जसवन्तसिंह के पहुंचते ही मार-काट बन्द हो गई। धीरे-धीरे शिवाजी और जसवन्तसिंह में मेल-जोल हो गया। औरंगजेब की इच्छा तो थी कि शिवाजी को परास्त किया जाये। यह इरादा पूरा न हुआ, तो उसने जसवन्तसिंह को वहां से हटा दिया, और कुछ दिनों उन्हें लाहौर में रखकर फिर काबुल भेज दिया। काबुल के मुसलमान इतनी आसानी से दबने वाले नहीं थे। भीषण संग्राम हुआ; जिसमें महाराजा के दो लड़के मारे गये। बुढ़ापे में जसवन्तसिंह को यही गहरी चोट लगी। बहुत दुःखी होकर वहां से पेशावर चले गये।
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Fiction, Novel
Folk Tales of Himachal Pradesh by Alice Elizabeth Dracott (Hardbak)
- Page : 157
- ISBN : 9788182475670
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 1.2 cm
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Fiction, Novel
Gaban By Munshi Premchand (Hardcover)
गबन प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। ‘निर्मला’ के बाद ‘गबन’ प्रेमचंद का दूसरा यथार्थवादी उपन्यास है। कहना चाहिए कि यह उसके विकास की अगली कड़ी है। ग़बन का मूल विषय है- ‘महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव’ । ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इन्होंने समझौतापरस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति तथा पुलिस के चरित्र को बेबाकी से प्रस्तुत करते हुए कहानी को जीवंत बना दिया गया है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने पहली नारी समस्या को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखकर देखा है और उसे तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से जोड़कर देखा है। सामाजिक जीवन और कथा-साहित्य के लिए यह एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। यह उपन्यास जीवन की असलियत की छानबीन अधिक गहराई से करता है, भ्रम को तोड़ता है। नए रास्ते तलाशने के लिए पाठक को नई प्रेरणा देता है।
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Fiction, Novel
GOdan By Munshi Premchand (Hardcover)
गोदान उपन्यास प्रेमचंद का अंतिम और सबसे महत्त्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है। प्रेमचंद ने गोदान को 1932 में लिखना शुरू किया था और 1936 में प्रकाशित करवाया था। 1936 में प्रकाशित गोदान उपन्यास को हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई द्वारा किया गया था । संसार की शायद ही कोई भाषा होगी, जिसमे गोदान का अनुवाद न हुआ हो । प्रेमचंद का गोदान,किसान जीवन के संघर्ष एवं वेदना को अभिव्यक्त करने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण रचना है। यह प्रेमचंद की आकस्मिक रचना नहीं है, उनके जीवन भर के लेखन प्रयासों का निष्कर्ष है। यह रचना और भी तब महत्त्वपूर्ण बन जाती है, जब प्रेमचंद भारत के ऐसे कालखंड का वर्णन करते है, जिसमे सामंती समाज के अंग किसान और ज़मींदार दोनों ही मिट रहे है और पूंजीवादी समाज के मज़दूर तथा उद्योगपति उनकी जगह ले रहे है। गोदान, ग्रामीण जीवन और कृषक संस्कृति का महाकाव्य कहा जा सकता है। ग्रामीण जीवन का इतना वास्तविक, व्यापक और प्रभावशाली चित्रण, हिन्दी साहित्य के किसी अन्य उपन्यास में नहीं हुआ है।
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Fiction, Novel
Gone with the Wind : Original Un-Abridged Vintage Collector’s Edition by Margaret Mitchell (Hardback)
Fiction, NovelGone with the Wind : Original Un-Abridged Vintage Collector’s Edition by Margaret Mitchell (Hardback)
- Page : 948
- ISBN : 9789394885356
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 6 cm
“After all, tomorrow is another day!”It’s April 1861. Georgia, southern United States. Scarlet O’Hara—the vivacious, narcissistic and pampered daughter of a plantation owner in Atlanta—in a fit of choleric contempt over rejection by her desired man, Ashley Wilkes, hurls a figurine against the wall. and behind the depths of the sofa, Rhett Butler is woken up from his nap. “You’re no gentleman,” fires the southern belle. “And you’re no lady!” the rogue fires back. Scarlet, for vengeance, accepts the marriage proposal from Charles Hamilton—Ashley Wilke’s brand new brother-in-law. But at the outbreak of the American Civil War he joins the army and dies of pneumonia followed by measles, a not-so-gallantry death. Through wiles and widowhood, Scarlet manages to keep her independence and becomes an astute business woman.
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Fiction, Novel
Gora by Rabindranath Tagore (Hardback)
रवीन्द्र नाथ ठाकुर का उपन्यास ‘गोरा’, अंग्रेजी शासन में भारत की राष्ट्रीय चेतना का औपन्यासिक महाकाव्य है। यह उस कालखण्ड की रचना है, जब भारतीय समाज अपने जातीय गौरव से विछिन्न होकर या तो अपने कालचक्र के कारण या फिर पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में आकर राष्ट्रीय चेतना से कट-सा गया था। चूंकि अंग्रेजी शासकों की राजधानी बंगाल थी, इसीसे यह भाव वहां ज्यादा प्रखर था , और उसे ही प्रतीक रूप में स्वीकार कर तत्कालीन भारतीय सामाजिक- राजनीतिक स्थिति को ‘गोरा’ उपन्यास में बड़ी जीवन्तता के साथ उभारा गया है। भारतीय इतिहास के गंभीर अध्येता इस बात से अनभिज्ञ नहीं हैं कि जब अंग्रेजों ने भारतीय मन को पराजित करने के लिए ईसाइयत का प्रचार प्रारम्भ किया, तब उसका विरोध भी जमकर हुआ। आरम्भ में अवश्य ही ईसाई पादरियों को अपनी लक्ष्य-सिद्धि में असफलता लगी, लेकिन ई. १८१३ में, धर्म प्रचारकों पर से प्रतिबन्ध उठ जाने के बाद जिस तरह से ईसाइयत का प्रचार हिन्दू धर्म को खत्म करने के लिए हुआ, उसका उल्लेख इतिहास ग्रन्थों में बद्ध है। कैरी, डफ, विल्सन आदि के नेतृत्व में ईसाई धर्म हिन्दू धर्म पर बाज की तरह टूट पड़ा। और इसके लिए अंग्रेजों ने बंगाल के पढ़े-लिखे लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करना प्रारंभ किया। अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार सहज संभव हो गया । स्थिति को ही देखकर तब मेकाले ने कहा था- थोड़ी-सी ही पाश्चात्य शिक्षा से बंगाल में मूर्त्ति पूजने वाला कोई नहीं रह जायेगा और ई. १८३५ में ही बंगाल में ईसाइयत के प्रचार से खुश होकर चर्चों की एक सभा में डफ ने कहा था- यह अंग्रेजी, देश में जिस-जिस ओर बढ़ेगी, उस ओर हिन्दुत्व के अंग टूटते जायेंगे और एक दिन ऐसा भी होगा कि हिन्दुत्व पूरी तरह से पंगू हो जायेगा।
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Classic Fiction, Fiction, Novel
Grimms Fairy Tales by Jacob Grimm & Wilhelm Grimm (Hardcover)
- Page : 256
- ISBN : 9789356520042
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 2 cm
Once upon a time in a fairy tale world, There were magical mirrors and golden slippers,Castles and fields and mountains of glass, Houses of bread and windows of sugar.Frogs transformed into handsome Princes, And big bad wolves into innocent grandmothers.There were evil queens and wicked stepmothers,Sweethearts, true brides and secret lovers. In the same fairy world, A poor boy has found a golden key and an iron chest and “We must wait until he has quite unlocked it and opened the lid.”A classic collection of timeless folk tales by Grimm Brothers, Grimm’s Fairy Tales are not only enchanting, mysterious and amusing, but also frightening and intriguing. Delighting children and adults alike, these tales have undergone several adaptations over the decades. This edition with black-and-white illustrations is a translation by Margaret Hunt.
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Fiction, Novel
Hard Times : Original Un-Abridged Classic collector’s Edition (Hardback)
- Page : 310
- ISBN : 9789394885943
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 2.2 cm
Now, what I want is, Facts. . . . Facts alone are wanted in life. ”Thus begins Superintendent Mr. Gradgrind—a wealthy, retired merchant—addressing a group of young students at his school in the industrial town of Coketown, England. A rigid man of fact, rational self-interest and realities, he not only teaches his pupils according to the utilitarian principles, but also raises his children with the same philosophy. When they grow up, as their lives begin to turn chaotic, they reproach their father for their upbringing. Will Mr. Gradgrind realize his flaws and become a humble man?Satirizing the laissez-faire system, Dickens’ Hard Times lays bare the wide gap between the rich and the poor. Criticizing the materialistic world, this Victorian novel throws light on the value of emotions and the human heart. It has undergone several film and theatre adaptations.
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Fiction, Novel
Heart of Darkness (Unabridged Classic Collector’s Edition) by Joseph Conrad (HB)
- Page : 91
- ISBN : 978-9394885370
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 1 cm
“The mind of man is capable of anything.”Charles Marlow, an English seaman, narrates his journey up the River Congo in search of an ivory trader named Mr. Kurtz. As he sails into the heart of Africa, from the company’s outer station to the central and inner stations, he comes across scenes of brutality, torture, slavery and horror. What happens when Marlow finally meets Kurtz?A journey not only into the depths of the African jungles but also into the dark recesses of the human soul, Joseph Conrad’s Heart of Darkness is a critical exploration of the spine-chilling truths and hypocrisy of the European colonialism. The novella has undergone several adaptations across radio, theatre, television and motion pictures. It continues to remain one of Conrad’s outstanding works.
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Fiction, Novel
Heidi by Johanna Spyri (Hardback)
- Page : 174
- ISBN : 9789394885806
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 1.2 cm
Let’s enjoy the beautiful things we can see, My dear, and not think about those we cannot. A book “for children and those who love children”, Heidi (1881) is a story of an orphan girl who is sent to live with her grumpy grandfather in the Swiss Alps. The embittered grandfather who lives in seclusion, is known as ‘uncle ALP’, and deeply resents Heidi’s arrival. But soon, he grows fond of her. Lost in the idyllic world of snow-covered mountains, Heidi befriends Peter, the goatherd, his mother, Bridget, and his blind maternal grandmother. While all seems well in Heidi’s Wonderland, she is soon compelled to leave the comforts of the hills and go to Frankfurt to live with a differently-abled girl named Clara. Overcoming the initial difficulties, Heidi and Clara become friends. Amidst the grey streets of a new city, Heidi struggles to overcome her homesickness. If only she could return to the mountains. Will she ever meet her grandfather again? Written well over a century ago, Johanna Spyri’s Evergreen tale of a young girl’s coming of age, of her bravery and compassion, remains a classic.
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Fiction, Novel
Hunted Down by Charles Dickens (Hardback)
- Page : 35
- ISBN : 9789394885387
- Dimensions : 22.5 x 14.5 x 0.5 cm
A unique collection of Dickens stories, rarely seen in print, establishing him as one of the masters of the detective genre Charles Dickens was one of the great pioneers of detective fiction. While the larger-than-life characters in his novels have settled themselves in the public imagination, his detectives have had a profound effect on the development of crime fiction, and Dickens is now seen as the first major publicist for the police detective. Here, Peter Haining has assembled a fascinating selection of Dickens’s detective stories. Added to these are extracts from the novels in which the men of the law make their mark, including Mr. Nadgett from Martin Chuzzlewit, the first serious detective in an English novel, and Inspector Bucket from Bleak House.
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