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Biraj Bahu By Sarat Chandra Chattopadhyay (Hardcover)


हुगली जिले का सप्तग्राम-उसमें दो भाई नीलाम्बर व पीताम्बर रहते थे। नीलाम्बर मुर्दे जलाने, कीर्तन करने, ढोल बजाने और गांजे का दम भरने में बेजोड़ था। उसका कद लम्बा, बदन गोरा, बहुत ही चुस्त, फुर्तीला तथा ताकतवर था। दूसरों के के मामले में उसकी ख्याति बहुत थी तो गंवारपन में भी वह गाँव- -भर में बदनाम था। मगर उसका छोटा भाई पीताम्बर उसके विपरीत था। वह दुर्बल तथा नाटे कद का था। शाम के बाद किसी के मरने का समाचार सुनकर उसका शरीर अजीब-सा हो जाता था। वह अपने भाई जैसा मूर्ख ही नहीं था तथा मूर्खता की कोई बात भी उसमें नहीं थी । सवेरे ही वह भोजन करके अपना बस्ता लेकर अदालत चला जाता था। पश्चिमी तरफ एक आम के पेड़ के नीचे बैठकर वह दिनभर अर्जियां लिखा करता था। वह जो कुछ भी कमाता था, उसे घर आकर सन्दूक में बंद कर देता था। रात को सारे दरवाजे-खिड़कियां बन्द कर और उनकी कई बार जाँच करने के बाद वह सोता था।

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